“ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे और मैं तुम्हें अपने सपनों में पुकारता हूँ। मुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं हूं, राहत इंदौरी की शायरी पढ़कर युवाओं में उर्दू साहित्य को लेकर एक समझ पैदा होगी, जो उन्हें उर्दू साहित्य की खूबसूरती से रूबरू कराएगी, जो https://youtu.be/Lug0ffByUck